Mast Aunty

मस्त आंटी
Pyare दोस्तों Mai एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ,
Mera Naam Abhishek hai Mera Facebook ID abhiinnight@gmail.com hai aur mera Number 09415152219 hai Meri kahani Padh K Jis kisi Aunty Bhabhi Females Ko Chudwane ka mann kare to mujhse Contact Kare Satisfaction Guaranteed strong Fully Secret And Totaly Free so plz contact me for Enjoy
में पढ़ने में बहुत तेज़ था इसलिए
मेरी नौकरी एक
प्राइवेट कंपनी में लग गई और
इसलिए में अपने शहर से जयपुर आ गया और जब में
जयपुर आया तो में यहाँ
की लड़कियों और औरतों को
देखता था जो कि बहुत छोटे छोटे कपड़ों में
रहती थी, कोई
अपने बूब्स को हिला हिलाकर
चलती तो कोई
अपनी गांड को मटका मटकाकर
चलती थी. मुझे
जयपुर की
आंटी बहुत
अच्छी लगती
थी, उनकी गांड
और बूब्स में तो जैसे मेरा लंड खड़ा करने
की जादुई ताक़त
थी.
दोस्तों मुझे पढ़ाई के साथ सेक्स का
भी बहुत शौक था. में हर
वक्त केवल चुदाई के बारे में
ही सोचता रहता था और ब्लू फिल्म देखता था और
फिर दिन में दो तीन बार मुठ मार
लेता था. जब मे जयपुर आया
तो मैंने किराए पर एक फ्लेट लिया, वो फ्लेट
10वीं मंजिल पर था और जहाँ
मैंने फ्लेट लिया था वहां पर केवल दो
ही फ्लेट थे और वहाँ
एकदम सुनसान रहता था तो वहाँ पर ज़्यादा
कोई आता जाता भी
नहीं था. फिर मैंने अपना सारा
सामान अपने नये फ्लेट में सेट किया और बाहर
लॉन में घूमने निकल गया. फिर जब में बाहर
घूम रहा रहा था तभी मुझे मेरे
पास वाले फ्लेट में से एक औरत बाहर
निकलते हुए दिखी,
उसकी उम्र
करीब 32 साल
की होगी, उसने
गुलाबी कलर की
साड़ी पहनी
हुई थी और वैसे
ही कलर का गहरे गले का
ब्लाउज पहना हुआ था, शायद वो
कहीं बाहर जा
रही थी.
जब मैंने उसे पहली बार देखा
तो मेरे होश उड़ गये, उसके बड़े बड़े बूब्स
क्या मस्त थे और जब वो चल
रही थी तो
उसके बूब्स उछल उछलकर बाहर आने
की कोशिश कर रहे थे और
उसकी गांड
इतनी बड़ी और
ब्रेड की तरह
फूली हुई थी कि
उसमे अगर 12 इंच का लंड भी
डालो तो कम पड़ जाएगा और जब वो चल
रही थी तो
उसके चूतड़ ऊपर नीचे हो
रहे थे, उसका चेहरा थोड़ा सांवला था, लेकिन
उसके फिगर के आगे उसका चहरा और खिल
रहा था. उसका पूरा जिस्म बहुत
सेक्सी था, उसके फिगर का
साईज करीब 36-24-36 था.
दोस्तों में मन ही मन बहुत
खुश हुआ कि मेरे फ्लेट की
मंजिल पर केवल दो ही फ्लेट
है और उसमें से एक उसका है, फिर मैंने सोचा
कि अगर यह एक बार मुझे
मिली तो में उसके दोनों बूब्स के
बीच की दरारों में
अपना 8 इंच का लंड डालकर चुदाई जरुर करूंगा
और उसकी गांड के छेद में
अपनी सारी
उंगलियाँ एक ही बार में डालकर
इसे इतना चोदूंगा कि यह भी मेरे
लंड की
दीवानी हो
जाएगी और इतना सोचते
ही मेरे लंड ने
मेरी जिन्स में
ही वीर्य निकाल
दिया. वो तनकर एकदम सीधा
खड़ा हो गया और उसकी चूत
को सलामी देने लगा था. फिर में
झट से अपने कमरे में चला गया और
अपनी पेंट खोलकर अपने लंड
की तरफ देखा तो उसमे से इतना
वीर्य निकल रहा था जैसे कि
उसको किसी ने अपने मुहं में
लेकर बाहर निकाला हो और उसका लार मेरे
लंड पर रह गया हो.
मैंने अपने लंड का सुपाड़ा हल्के से
पीछे किया तो मेरा सारा
वीर्य मेरे हाथ पर गिरने लगा
और फिर मैंने हल्के से अपने लंड का सुपाड़ा
पकड़ा और उसे हल्के हल्के ऊपर
नीचे करना चालू कर दिया. फिर
मैंने जैसे ही
अपनी आखें बंद
की तो उन आंटी
का फिगर मेरे सामने आ गया. मैं उसके बूब्स को
सोच सोचकर मुठ मारे जा रहा था और में
उसकी उभरी
हुई गांड के बारे में सोचकर मुठ मारे जा रहा था,
तो मेरी हालत एकदम खराब
हो गई थी. मेरे काले, मोटे, लंबे,
लंड का तो एकदम बुरा हाल हो गया था और
उसका सुपाड़ा तो एकदम लाल हो गया था.
में उठा और अपने हाथ को चूत के आकर का
बनाया और उसमे अपना लंड डाल दिया
आआहहााआअहह क्या बताऊँ दोस्तों मुझे
तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. में
उसकी चूत को सोचकर ज़ोर ज़ोर
से धक्के मारे जा रहा था और
अभी तक मेरी
आँखे बंद थी. फिर मेरे धक्के
और भी तेज़ हो गये और अब
में झड़ने वाला था. फिर आअहह
की आवाज़ के साथ मेरा सारा
वीर्य मेरे हाथ पर गिर गया, वो
एकदम सफेद गाढ़ा था और जब मैंने अपने
हाथों की तरफ देखा तो मेरा
वीर्य मेरे पूरे हाथों पर फैला
हुआ था.
मैंने अपना वीर्य अपने लंड पर
लगाया और उसकी मालिश करने
लगा. मैंने अपना थोड़ा सा वीर्य
अपनी एक
उंगली पर लिया और उस
उंगली को अपने मुहं में लगा
लिया, मुझे मेरा वीर्य बहुत
स्वादिष्ट लगा और उसके बाद मैंने ठान लिया कि
में अब आंटी को चोदकर
ही रहूँगा और फिर एक अच्छे
मौके की तलाश करने लगा.
फिर धीरे धीरे
ऐसे ही समय गुजरता चला
गया. में अपने ऑफिस के कामों में लग गया,
लेकिन चाहकर भी में
आंटी की
मदहोश कर देने वाली
जवानी को नहीं
भुला पा रहा था और में उनसे बात करने
की नई नई
तरकीब सोचता रहता था, लेकिन
मेरी किस्मत मेरा साथ
नहीं देती,
क्योंकि सारा दिन वो अपना कमरा बंद करके
रखती थी
जिसकी वजह से मुझे मौका
नहीं मिल पता था.
एक दिन जब में सो रहा था तभी
किसी ने मेरा दरवाजा बजाया, मैंने
उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि सामने
आंटी खड़ी हुई
है, दोस्तों वो क्या लग रही
थी? वो गुलाबी
कलर की मेक्सी
पहने हुई थी क्योंकि उसे
गुलाबी कलर बहुत पसंद था.
वो मेक्सी थोड़ी
जालीदार थी,
जिसमें से उनके बूब्स के काले काले दाने साफ
दिखाई दे रहे थे, क्योंकि उस समय
आंटी ने अंदर ब्रा
नहीं पहनी
हुई थी. दोस्तों उसके बूब्स
इतने बड़े बड़े थे कि मेरा लंड एकदम खड़ा हो
गया और मेरे खड़े लंड को शायद उन्होंने देख
लिया था और मुझे हल्की
सी स्माइल दी.
में : क्या हुआ आंटी
जी?
आंटी : वो मेरा
डीवीडी प्लेयर खराब हो गया है,
क्या तुम उसे ठीक कर सकते
हो, मुझे एक मूवी
देखनी है?
में : ठीक है
आंटी जी, में
ठीक कर दूँगा.
(में अंदर ही अंदर बहुत खुश
था क्योंकि आज में पहली बार
अपनी सपनों की
आंटी से बात कर रहा था)
फिर में आंटी के फ्लेट पर गया,
लेकिन मुझे वहाँ पर थोड़ा
अजीब सा लगा और वहाँ पर
एक अजीब सी
सुगंध आ रही
थी. जैसे कोई सेक्स करने के
बाद आती है, मुझे उनका फ्लेट
किसी रंडीखाने
जैसे महससू हो रहा था. उनके कमरे में कुछ
एडल्ट फोटो लगी हुई
थी और कई जगह तो
आंटी की
भी एडल्ट फोटो
लगी हुई थी.
फिर में समझ गया कि आंटी
बहुत सेक्सी टाइप
की है, में मन
ही मन बहुत खुश हो रहा
था.
में : आंटी जी
कहाँ है डीवीडी?
तो आंटी मुझे दूसरे रूम में ले
गई, मैंने वहाँ पर देखा कि कई सारे केमरे लगे
हुए है मुझे थोड़ा अजीब सा
लगा, लेकिन में
डीवीडी ठीक करने लगा
और मुझे कुछ गड़बड़ लग
रही थी. फिर
अचानक आंटी मेरा ध्यान काम
पर से हटाते हुए बोली.
आंटी : क्या तुम यहाँ पर
अकेले रहते हो, क्या तुम्हारे साथ और कोई
नहीं है?
में : में यहाँ पर एक प्राइवेट
कम्पनी में काम करता हूँ,
लेकिन क्या आप भी यहाँ पर
अकेली रहती
हो?
आंटी : हाँ में
अकेली ही
रहती हूँ, मेरे पति
की तीन साल
पहले मौत हो चुकी है.
अब में समझ गया कि आंटी को
कोई रोकने वाला नहीं है. अब
तो में इन्हे जब चाहे दिन हो या रात
कभी भी चोद
सकता हूँ, मेरे तो लंड में एकदम
सरसरी दौड़
रही थी और
जब आंटी मुझसे बोल
रही थी तो में
उनके बूब्स को देख रहा था और वो थोड़ा
स्माईल दे रही
थी और अब में
भी खुलकर उनसे बातें करने
लगा और बातें करते करते मैंने उनका
डीवीडी ठीक कर दिया.
जब मैंने उसे शुरू किया तो मैंने देखा कि उस
डीवीडी में एक पॉर्न फिल्म चल
रही थी और
उसमे जो एक्ट्रेस थी
उसकी शक्ल
आंटी से बहुत मिल
रही थी या फिर
वो आंटी ही
थी और अब में सब कुछ
समझ गया,
कहानी जारी रहेगी

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