Anjaan Ladki 1


हेल्लो दोस्तो, कैसे हो आप लोग ! आशा
करता हूँ कि आप भी तैयार
होंगे अपना अपना पानी निकालने
के लिए !
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एक लड़की थी,
नाम पता नहीं क्या था उसका,
पर मस्त लगती
थी, अब आप
ही बताइए रास्ते पे आ जा
रही लड़की का
नाम पता कैसे मालूम होगा, चलो पता तो उसका
पीछा करके लगा सकते हैं !
नाम के लिए तो उसके आस पास जाना पड़ेगा, रोज
आते जाते मिल ही
जाती थी, घर
भी उसका पता कर
ही लिया था।
एक दिन नाम उसकी
सहेली उसे ख़ुशी के नाम से
बुला रही थी तो
नाम भी पता चल गया !
आप लोग भी ना !
लड़की का फिगर मालूम चला
नहीं, लड़के लंड और लड़कियाँ
चूचियाँ पहले ही दबाने
लगी। उसका फिगर
34-28-34 था। कभी
कभी लंगड़ाते हुए
चलती थी तो
ऐसा लगता कि जैसे किसी ने चोद
दिया हो ! कभी
जीन्स, तो कभी
सलवार सूट ! तो कभी और
लॉन्ग स्कर्ट और टॉप में तो माल
ही लगती
थी ! बस दिल करता था कि वो
आकर बोले कि स्कर्ट उठा दो,
पेंटी निकाल दो और लंड डाल
दो !
भगवान् के घर देर है अंधेर
नहीं !
मेरा एक दोस्त है, उसके पिता का फाइनेंस का
काम है, वो बुजुर्ग हो गए तो मेरा दोस्त
ही वहाँ बैठता है। एक बार मैं
वहाँ गया !
जैसे ही मैं अंदर गया, मेरा दिल
गार्डन गार्डन हो गया और लंड उछलने लगा,
वो लड़की वहीं
पर काम करती
थी, आते जाते लोगों
की एंट्री
करती थी।
मेरे पहुँचते ही देखने
लगी, फिर नाम पूछा, रजिस्टर में
एंट्री की।
फिर मैं अंदर चला गया, दोस्त से
बातचीत कर रहा था पर बार बार
उसकी तरफ
ही देख रहा था।
तभी मेरे दोस्त ने कहा- क्या
बात है? पसन्द आ गई क्या?
मैंने कहा- हाँ यार ! अच्छी तो
लगती है।
तभी मेरे दोस्त ने कहा- दिल
से लगाने की मत सोचना, चालू
लड़की है, पहले से
सील टूटी
पड़ी थी और
मेरे साथ भी कर
चुकी है, अब तो अब
जी चाहे इसे ले जाता हूँ और
जी भर के चोदता हूँ।
मैंने कहा- चल यार फ़िर तो मुझे
भी इसकी दिलवा
दे, और कुछ न सही एक और
नया एक्सपीरियंस तो ले
ही लूं !
मेरे दोस्त ने कहा- कहाँ यार, किस बात
की कभी? एक
तरफ चूत तो दूसरी तरफ गांड
और ऊपर से चूचियाँ ! वैसे तेरे पास तो खूब
लड़कियां रहती
ही हैं, पैसे देकर
भी बुलाती हैं
लेकिन तू जाता नहीं है, कहता
है फीलिंग नहीं
आती ! यार राज
तेरी जगह हम होते न तो
इसी काम से लाखों रूपये कमाते !
मैंने कहा- चल अब काम की
बात कर ! बोल कि उसकी
दिलाएगा या नहीं?
उसने कहा- देख राज, मेरे से
और भी कईयों ने बोला है,
इसके लिए मैंने ख़ुशी से भी
पूछा है लेकिन ख़ुशी ने मना कर दिया, हाँ तू
उसे पटा ले तो बात है।
“चल, यानि मुझे ही सब काम
करना पड़ेगा?”
“नहीं यार तू बस रुक कुछ दिन,
तेरे लिए मस्त रशियन लड़कियाँ मंगवाऊँगा, बात
हो गई है, दो लड़कियाँ आएँगी,
20-22 साल की ! सारा खर्च
मेरी तरफ से !”
मैंने कहा- चल ठीक है, यह
बात तय रही, पर उनमें से मैं
पहले पसंद करूँगा !
उसने कहा- यार नंगी करवा के
देख लियो, जो तुझे ठीक लगे, वो
तेरे साथ ही
जाएगी।
“ठीक है, इसे तो पटा लूँ पहले
मैं !”
उसने कहा- एक काम कर, यह
अभी जाएगी बस
से ! तू इसे वहीं पटा सकता
है।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर कुछ देर बाद वो जाने लगी तो
मैं भी उसके
पीछे चल दिया, वो बस में चढ़
गई, मैं भी चढ़ गया। बैठने के
लिए सीट तो थी
नहीं, वो खड़ी
थी, मैं भी उसके
पीछे खड़ा था।
मैंने उससे बोला- आपका नाम ख़ुशी है न?
उसने कहा- हां क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही पूछा।
फिर मैंने पूछा- आप कहाँ
रहती हो?
उसने कहा- जैसे आपको मालूम
ही नहीं कि मैं
कहाँ रहती हूँ, रोज़ तो
पीछा करते हो।
मैं अब क्या बोलता, बस चल
पड़ी, सब अपने में
ही मस्त थे, मैंने मौका देख कर
उसके कूल्हों पे हाथ रख दिया, वो एकदम
सीधी हो गई,
पर कुछ बोली
नहीं।
फिर मैं उसके चूतड़ों की गोलाइयों
को सहलाने लगा, एक एक करके मैं
उसकी दोनों गोलाइयों को सहलाता
रहा, वो बस आँखें बंद किये मजे लिए जा
रही थी।
फिर मैंने उसकी गांड में
उंगली कर दी,
जिससे वो थोड़ी उछल
सी गई, फिर उसने मुड़ के
हल्के से कहा- सीधे खड़े
रहो।
पर मैं फिर से वैसे ही करने
लगा, इस बार और भी
भीड़ बढ़ गई इस बार मैं एकदम
उसके पीछे खड़ा हो गया और
अपने आधे खड़े लंड को उसकी
गांड की दरार में सेट कर दिया।
हालाँकि एक आंटी और 2-3
लोग देख रहे थे, पर उन्हें लग रहा था कि
हम एक दूसरे को जानते हैं और आपस में
कर रहे हैं, क्योंकि हम पहले आपस में
बात भी कर रहे थे।
यह सब करने में मजा तो बहुत आया और
उसको भी मेरे लंड के आकार के
बारे में पता चल गया होगा।
लड़की की नरम
उंगलियाँ और गरम गांड का स्पर्श कुछ मजेदार
ही होता है।
फिर वो सीधी हो
गई और सीधे होने से उसके
चूचे मेरी छाती से
दब गए और लंड अकेला रह गया, पर मजा तो
फिर भी आ ही
रहा था।
तभी उसके पीछे
से कोई और आकर उसकी गांड
दबाने लगा और आगे से मैं
उसकी चूचियाँ दबाने लगा। वो मुझे
घूर कर देख रही
थी, उसकी
आँखें लाल हो चुकी
थी और कभी
कभी आँखें बंद
भी कर रही
थी, वो मदहोश हुए जा
रही थी।
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर
रख दिया। वो हाथ हटाने लगी
पर मैंने उसका हाथ नहीं छोड़ा।
कुछ देर ऐसे ही
मज़बूरी में पकड़े
रही और फिर मजे से
मुट्ठी में पकड़ लिया, पर
पीछे से उस
आदमी ने शायद
उसकी गांड में
उंगली डाल दी
थी, क्योंकि वो
बीच में उछल
सी पड़ी
थी, अब वो मेरे ऊपर गिर
सी ही गई
थी, उसे मजा आने लगा था।
खैर उसका स्टॉप आ गया, वो अपने को
ठीक करके जाने
की तैयारी करने
लगी, उस
आदमी ने उसे अब तक
नहीं छोड़ा था,
उसकी गांड
अभी भी मसल
रहा था।
एक आंटी जो सब देख
रही थी, मैं
उनकी तरफ देख के मुस्कुराया,
वो भी जवाब में मुस्कुराई और वो
भी उठने लगी।
शायद वो भी उतरने
वाली थी।
बस रुक गई, ख़ुशी उतर गई।
कहानी जारी
रहेगी।

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